Biography of Shantanu Naidu in Hindi

शांतनु नायडू का जीवन परिचय | Shantanu Naidu Biography in Hindi

शांतनु नायडू एक भारतीय उद्यमी, लेखक, इंजीनियर और सोशल वर्कर हैं, जो टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा के करीबी सहयोगी होने के लिए प्रसिद्ध हैं। इसके अलावा, उन्होंने कई सामाजिक कार्य किए हैं, जिनमें मोटोपॉज’ (Motopaws) नामक एक एनजीओ की स्थापना और गुडफेलोज’ (Goodfellows) नामक स्टार्टअप का निर्माण शामिल है, जो वरिष्ठ नागरिकों को युवा साथियों से जोड़ता है।

उनकी सफलता की कहानी बेहद प्रेरणादायक है, क्योंकि उन्होंने बहुत ही कम उम्र में बिजनेस और सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई। उनका सफर न केवल टाटा ग्रुप तक सीमित रहा, बल्कि उन्होंने अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभाया। आज वह युवाओं के लिए एक आदर्श बन चुके हैं।

शांतनु नायडू का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

शांतनु नायडू का जन्म वर्ष 1993 में पुणे, महाराष्ट्र में हुआ था। उनका परिवार कई पीढ़ियों से टाटा समूह से जुड़ा हुआ था, क्योंकि उनके दादा और पिता दोनों ने टाटा ग्रुप की विभिन्न कंपनियों में कार्य किया था। इसलिए, उनका झुकाव शुरुआत से ही इस संगठन और इसके मूल्यों की ओर था।

शिक्षा के मामले में शांतनु एक मेधावी छात्र रहे। उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई की। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने तकनीकी विषयों में गहरी रुचि लेना शुरू कर दिया।

इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने के बाद, उन्होंने कॉर्नेल विश्वविद्यालय (Cornell University, USA) में दाखिला लिया, जहां से उन्होंने एमबीए (MBA) की डिग्री प्राप्त की। कॉर्नेल विश्वविद्यालय की पढ़ाई ने उनके भीतर एक नई सोच और लीडरशिप स्किल्स को विकसित किया, जिससे वे आगे चलकर व्यवसाय और सामाजिक कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दे सके।

करियर की शुरुआत और मोटोपॉजकी स्थापना

शांतनु नायडू ने अपने करियर की शुरुआत 2014 में ‘टाटा एलेक्सी’ (Tata Elxsi) में एक डिज़ाइन इंजीनियर के रूप में की। इसी दौरान उन्होंने एक गंभीर सामाजिक समस्या पर ध्यान दिया – सड़क दुर्घटनाओं में आवारा कुत्तों की मौत

उन्होंने देखा कि रात के समय गाड़ियों से टकराने के कारण बड़ी संख्या में आवारा कुत्ते मारे जाते हैं। इससे वे काफी व्यथित हुए और उन्होंने इस समस्या का समाधान खोजने का निर्णय लिया।

मोटोपॉज (Motopaws) क्या है?

इसके समाधान के रूप में उन्होंने मोटोपॉज’ (Motopaws) नामक एक गैर-लाभकारी संगठन (NGO) की स्थापना की। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य आवारा कुत्तों के लिए रिफ्लेक्टिव कॉलर (Reflective Collars) बनाना था, जो रात में चमकते थे, ताकि वाहन चालक उन्हें आसानी से देख सकें और दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

उनका यह प्रयास बेहद सफल रहा, और धीरे-धीरे यह पहल भारत के कई शहरों तक फैल गईमोटोपॉज को कई संस्थानों से सराहना और आर्थिक सहायता भी मिली

रतन टाटा के साथ शांतनु नायडू का जुड़ाव

शांतनु नायडू की मोटोपॉज’ पहल की खबर रतन टाटा तक पहुंची, जो खुद भी पशु प्रेमी हैं। रतन टाटा ने इस पहल से प्रभावित होकर शांतनु को व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए बुलाया

रतन टाटा की इस पहल में रुचि देखकर शांतनु को बड़ा आश्चर्य हुआ और गर्व भी महसूस हुआ। उनकी पहली मुलाकात बेहद खास थी, और धीरे-धीरे शांतनु रतन टाटा के विश्वासपात्र बन गए।

इसके बाद, रतन टाटा ने शांतनु की उच्च शिक्षा (MBA) के लिए कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने में मदद की। उनकी पढ़ाई पूरी होने के बाद, रतन टाटा ने उन्हें अपना व्यक्तिगत सहायक (Personal Assistant to Ratan Tata) नियुक्त किया

वर्तमान में शांतनु नायडू

  • टाटा ट्रस्ट (Tata Trusts) के डिप्टी जनरल मैनेजर (Deputy General Manager) हैं।
  • टाटा मोटर्स (Tata Motors) के जनरल मैनेजर और हेड ऑफ स्ट्रैटेजिक इनिशिएटिव्स (Head of Strategic Initiatives) के रूप में कार्यरत हैं।

गुडफेलोज (Goodfellows) स्टार्टअप की शुरुआत

2022 में, शांतनु नायडू ने गुडफेलोज’ (Goodfellows) नामक एक सोशल स्टार्टअप की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizens) को युवा साथियों (Companions) के साथ जोड़ना था, ताकि वे अकेलेपन से बच सकें।

गुडफेलोज की विशेषताएँ:

  1. यह स्टार्टअप बुजुर्गों को ऐसे युवा साथियों से जोड़ता है, जो उनके साथ समय बिताते हैं, उनसे बातें करते हैं और उनका ख्याल रखते हैं।
  2. यह सेवा उन बुजुर्गों के लिए बेहद लाभदायक है, जो अकेलेपन और मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं।
  3. रतन टाटा ने भी इस स्टार्टअप में निवेश किया और इसका समर्थन किया।

गुडफेलोज की शुरुआत के बाद इसे भारत के कई शहरों में फैलाया गया और आज यह हजारों बुजुर्गों की मदद कर रहा है।

शांतनु नायडू की पुस्तक – “I Came Upon a Lighthouse”

शांतनु नायडू ने “I Came Upon a Lighthouse: A Short Memoir of Life with Ratan Tata” नामक पुस्तक लिखी है।

इस किताब में:

  • शांतनु और रतन टाटा की दोस्ती की अनकही कहानियाँ हैं।
  • रतन टाटा के व्यक्तित्व और उनकी जीवनशैली से जुड़े दिलचस्प पहलू साझा किए गए हैं।
  • शांतनु ने रतन टाटा से सीखे गए व्यावसायिक और जीवन के सबक को भी इस किताब में जगह दी है।

व्यक्तिगत जीवन और अन्य जानकारी

परिवार और व्यक्तिगत जीवन

  • गर्लफ्रेंड / पत्नी: शांतनु नायडू अपने निजी जीवन को गोपनीय रखना पसंद करते हैं, इसलिए उनकी गर्लफ्रेंड या पत्नी के बारे में सार्वजनिक रूप से कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।
  • माता-पिता: उनके माता-पिता टाटा ग्रुप से जुड़े रहे हैं।

शांतनु नायडू का वेतन (Salary) और नेट वर्थ (Net Worth)

  • नेट वर्थ: लगभग 5 करोड़ रुपये (अनुमानित)।
  • वेतन: टाटा ग्रुप में उनकी उच्च पदस्थ स्थिति के कारण उनका वेतन लाखों रुपये में होने का अनुमान है।
  • रतन टाटा (Ratan Tata) के बेहद करीबी दोस्त रहे शांतनु नायडू (Shantanu Naidu) ने टाटा मोटर्स में एक नई अहम भूमिका संभाल ली है। इस खबर को उन्होंने खुद अपने LinkedIn प्रोफाइल पर एक भावुक पोस्ट के द्वारा साझा किया।
  • शांतनु नायडू ने अपने परिवार और टाटा समूह के रिश्ते को याद करते हुए लिखा है, “मुझे याद है जब मेरे पिता टाटा प्लांट से सफेद शर्ट और नेवी पैंट पहनकर घर आते थे और मैं खिड़की पर उनका इंतजार करता था। आज, वर्षों बाद, मेरा यह सफर पूरा हुआ लगता है।” उन्होंने इस खास मौके पर टाटा नैनो के साथ एक तस्वीर भी साझा की है।
  • टाटा मोटर्स में शांतनु नायडू को जनरल मैनेजर, हेड- स्ट्रैटेजिक इनिशिएटिव्स की भूमिका दी गई है। इस पद को संभालते हुए वे कंपनी के रणनीतिक फैसलों में अहम योगदान देंगे। उनकी इस उपलब्धि पर कई लोगों ने उन्हें शुभकामनायें दी हैं।

इंस्टाग्राम और सोशल मीडिया

  • इंस्टाग्राम प्रोफाइल: @thegoodfellows.in

निष्कर्ष

शांतनु नायडू सिर्फ एक सफल इंजीनियर या टाटा ग्रुप के अधिकारी ही नहीं हैं, बल्कि एक समाजसेवी, लेखक और उद्यमी भी हैं। उन्होंने अपनी सोशल वर्क और बिजनेस स्किल्स के माध्यम से समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास किया है। उनकी कहानी यह सिखाती है कि अगर हम किसी समस्या का हल निकालने के लिए पूरी लगन और मेहनत से काम करें, तो हमें सफलता अवश्य मिलती है।

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