Biography of Rishi Sunak in Hindi

ऋषि सुनक की जीवनी | Rishi Sunak Biography in Hindi

ऋषि सुनक एक प्रमुख ब्रिटिश राजनेता हैं, जिन्होंने अक्टूबर 2022 से जुलाई 2024 तक यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। वह भारतीय मूल के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने इस पद को संभाला। उनका जन्म 12 मई 1980 को साउथैम्प्टन, इंग्लैंड में हुआ था। उनके पिता, यशवीर सुनक, एक जनरल प्रैक्टिशनर थे, जबकि उनकी माता, उषा सुनक, एक फार्मासिस्ट थीं, जो अपनी खुद की फार्मेसी चलाती थीं।

शिक्षा और प्रारंभिक जीवन:

ऋषि ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा विनचेस्टर कॉलेज में प्राप्त की, जो एक प्रतिष्ठित बोर्डिंग स्कूल है। इसके बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के लिंकन कॉलेज से दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र (PPE) में प्रथम श्रेणी की डिग्री हासिल की। अपनी शिक्षा के दौरान, उन्होंने एक वेटर के रूप में भी काम किया। बाद में, उन्होंने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से एमबीए किया, जहां वे फुलब्राइट स्कॉलर थे।

व्यावसायिक करियर:

अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, ऋषि ने निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स में विश्लेषक के रूप में काम किया। बाद में, उन्होंने एक निवेश फर्म की सह-स्थापना की, जहां उन्होंने सिलिकॉन वैली से लेकर बेंगलुरु तक की कंपनियों के साथ काम किया। इस अनुभव ने उन्हें ब्रिटिश स्टार्टअप्स और उद्यमी कंपनियों की सफलता में योगदान करने में मदद की।

राजनीतिक सफर:

ऋषि सुनक ने 2015 में रिचमंड (यॉर्क्स) से सांसद के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। उन्होंने थेरेसा मे की सरकार में स्थानीय सरकार के संसदीय अवर सचिव के रूप में कार्य किया। बोरिस जॉनसन के प्रधानमंत्री बनने के बाद, उन्हें 2019 में ट्रेजरी का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया। फरवरी 2020 में, उन्हें चांसलर ऑफ द एक्सचेकर (वित्त मंत्री) का पदभार सौंपा गया, जहां उन्होंने COVID-19 महामारी के दौरान आर्थिक नीतियों का नेतृत्व किया।

प्रधानमंत्री पद:

अक्टूबर 2022 में, ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने, जिससे वे इस पद पर पहुंचने वाले पहले भारतीय मूल के व्यक्ति बने। उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले लिए और देश का नेतृत्व किया। जुलाई 2024 में, उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया, जिसके बाद लेबर पार्टी के नेता कीर स्टारमर ने उनका स्थान लिया।

व्यक्तिगत जीवन:

ऋषि सुनक ने 2009 में अक्षता मूर्ति से विवाह किया, जो इंफोसिस के सह-संस्थापक एन. आर. नारायण मूर्ति की बेटी हैं। दंपति की दो बेटियां हैं। अक्षता मूर्ति की संपत्ति का मुख्य स्रोत इंफोसिस में उनकी हिस्सेदारी है, जिससे उन्हें महत्वपूर्ण लाभांश प्राप्त होते हैं।

कुल संपत्ति:

ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति की संयुक्त संपत्ति 2024 में लगभग £651 मिलियन आंकी गई थी, जिससे वे ब्रिटेन के सबसे धनी परिवारों में से एक हैं। उनकी संपत्ति का मुख्य स्रोत इंफोसिस में अक्षता की हिस्सेदारी है।

कद (Height):

ऋषि सुनक की ऊंचाई लगभग 5 फीट 7 इंच (170 सेमी) है।

रवांडा नीति:

प्रधानमंत्री के रूप में, ऋषि सुनक ने अवैध प्रवास को नियंत्रित करने के लिए एक योजना प्रस्तावित की, जिसके तहत अवैध प्रवासियों को रवांडा भेजा जाना था। हालांकि, यह योजना ब्रिटिश संसद में पारित नहीं हो सकी।

राष्ट्रीयता और जातीयता:

ऋषि सुनक ब्रिटिश नागरिक हैं, लेकिन उनके माता-पिता भारतीय मूल के हैं, जो पूर्वी अफ्रीका से इंग्लैंड में आकर बसे थे। उनकी जातीय पृष्ठभूमि पंजाबी है।

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भारत दौरे पर

पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने 2 फरवरी 2025 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत और इंग्लैंड के बीच पांचवें टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में शिरकत की। इस अवसर पर उनके साथ उनके ससुर और इंफोसिस के संस्थापक, नारायण मूर्ति भी मौजूद थे।

मैच से पहले, ऋषि सुनक ने भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव और इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर से मुलाकात की। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए लिखा, “वानखेड़े में इंग्लैंड के लिए कठिन दिन, लेकिन मुझे विश्वास है कि हमारी टीम मजबूत वापसी करेगी। टीम इंडिया को जीत की बधाई। मैच से पहले जोस बटलर और सूर्यकुमार यादव से मिलना सम्मान की बात थी, और अपने ससुर के साथ क्रिकेट देखना सुखद रहा।”

मैच के दौरान, रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी और उनके पुत्र आकाश अंबानी भी उपस्थित थे, जिन्होंने ऋषि सुनक और नारायण मूर्ति के साथ बातचीत की।

इस मैच में भारत ने इंग्लैंड को 150 रनों से हराकर पांच मैचों की श्रृंखला 4-1 से जीत ली। अभिषेक शर्मा ने 54 गेंदों में 135 रनों की धमाकेदार पारी खेली, जिसमें 13 छक्के और 7 चौके शामिल थे। इंग्लैंड की टीम 97 रनों पर सिमट गई, जिसमें मोहम्मद शमी ने तीन विकेट लिए।

ऋषि सुनक की इस उपस्थिति ने क्रिकेट के प्रति उनके प्रेम और भारत के साथ उनके गहरे संबंधों को दर्शाया।

ऋषि सुनक की कहानी प्रेरणादायक है, जो दिखाती है कि कैसे समर्पण, मेहनत और नेतृत्व के माध्यम से कोई भी व्यक्ति उच्चतम शिखर तक पहुंच सकता है।

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