आपने अपने जीवन मे वैसे तो कई कवि देखे होंगे जो खुद की कविताओं की वजह से काफी चर्चाओं मे रहते है। अपने आसपास नजरें घुमा कर देखेंगे तो आपको हर जगह ऐसे ही कुछ लेखक, शायर व कहावत कहने वाले मिल जायेंगे। पर, क्या आपने कभी ऐसा कवि देखा है जिसकी कविताएं व रचनाएं देश व देशभक्ति के लिए महत्वपूर्ण हो ? आपने ऐसे कवि नही देखे होंगे पर हम आपको बता बताते है। आपको इस लेख के माध्यम से ऐसे ही एक कवि के बारे मे बताया जा रहा है जिनकी रचनाएं देश व देशभक्ति के संदर्भ मे लोगों का मन मोह देती थी। आपको इस बात की तो जानकारी होगी ही इस देश की आजादी के लिए राष्ट्र के हर वर्ग ने अपना कुछ न कुछ योगदान दिया है, उनमें से कुछ कवि भी थे। वैसे ही एक कवि के बारे मे हम आपको आज इस लेख के माध्यम से बता रहे है जिसे हम “रामधारी सिंह दिनकर” के नाम से जानते है। अतः आप इस लेख को अंत तक पढे ताकि आपको इसके बारे मे पूरी जानकारी मिल सके।
रामधारी सिंह दिनकर का जीवन परिचय
भारत के स्वतंत्रता के समय के कवि रामधारी सिंह दिनकर के वीर रस की बात करे तो वे इसके महान कवि थे। उनकी कविताएं ऐसी होती थी की वे सीधे दिल को चीर का ह्रदय को हिलोर देती थी। उनकी कविताएं भावनाओं से ओतप्रोत रहती थी। उनकी कविताों मे देश भक्ति वाला रस होता था। रामधारी सिंह की कविताएं सीधे दिल को लगती थी। आज भी अगर उनकी कहानियां सुनते है तो उससे लोगों का मन प्रफुल्लित हो जाता है, उनकी कविताएं आज भी काफी प्रसिद्ध है वही वे अपने जमाने के काफी प्रसिद्ध कलाकार एवं रचयिता थे।
भारत के इस महान कवि रामधारी सिंह दिनकर का जन्म 1908 के साल मे 23 सितंबर को हुआ था वही उनका देहांत 24 अप्रैल, 1974 को हो गया था। रामधारी सिंह जी भारत के एक महान हिंदी कवि, निबंधकार और चिकित्सक भी थ।,रामधारी सिंह दिनकर को भारत के सबसे आधुनिक कवियों मे से एक माना जाता है। दिनकर की कविता मे स्वतंत्रता का रस होता था जिसकी वजह से वे राष्ट्र में राष्ट्रवादी कविता के साथ एक विद्रोही कवि के रूप में भी उभरे। रामधारी सिंह ने अपनी कविताओं से देश मे क्रांतियों का उकसाया वही देश मे उन्हे राष्ट्र कवि का दर्जा दिया जाता है और उन्हे इस सम्मान से भी पुकारा जाता है।
रामधारी सिंह दिनकर के साहित्यिक कार्य
राष्ट्रकवि के नाम से पुकारे जाने वाली श्री रामधारी सिंह ‘दिनकर’, ने अपनी प्रेरक से देश मे देशभक्तिपूर्ण रचना के कारण राष्ट्रवादी भावना पैदा की और भारत को आजादी दिलाने मे अप्रत्यक्ष रूप से मदद की। इनकी कविताओं की वजह से देश मे आज कविताओं का मान बढा और वही इनकी कविताओं से देश मे एक नई उर्जा का संचार हुआ। श्री रामधारी के कार्यो की बात करे तो उनके काम ज्यादातर ‘वीर रस’ में हैं उनकी कविताओं मे वीरता के बारे मे सुनने को मिलता है। इस बात से इतना जो जाहिर है उनकी कविताएं काफी प्रचतिल है, उनकी कविताओे मे कुछ मुख्य है जैसे ‘‘उर्वशी एक अपवाद’’ है। वही अगर उनकी कृतियों की बात करे तो उनकी सबसे बड़ी कृतियां हैं रश्मिरी’ और ‘परशुराम की प्रतीक्षा’ है। उनके ‘भूषण’ की रचना के बाद उन्हें ‘वीर रस’ का सबसे बड़ा हिंदी कवि माना गया है।
इनकी भाषात्मक कला की बात करे तो आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ने उनके बारे मे लिखा है कि वे उन सभी लोगों में बहुत लोकप्रिय हैं जिनकी मातृभाषा भाषा हिंदी न होकर कुछ और है और वे अपनी मातृभाषा के लिए प्रेम के प्रतीक थे, ऐसे मे कहा जा सकता है की उनकी कविता देश मे हर वर्ग के मध्य मशहूर थी। उनकी तारीफ मे हरिवंश राय बच्चन ने भी कहा है कि उनके उचित सम्मान के लिए उन्हें चार ज्ञानपीठ पुरस्कार, कविता, गद्य, भाषाओं और हिंदी में उनके द्वारा की गई सेवाओं के लिए मिलना चाहिए। इसके अलावा और भी लोगों ने इनके बारे मे लिखा है।
रामधारी सिंह के बारे में कुछ जानकारी
- नाम – रामधारी सिंह दिनकर
- जन्म – 23 सितम्बर 1908
- जन्म स्थान – सिमारिया गांव ( बिहार )
- पेशा – लेखक, स्वतंत्रता सेनानी, डाॅक्टर, कवि
रामधारी सिंह दिनकर का जन्म तत्कालीन ब्रिटिश साम्राज्य के बिहार राज्य मे हुआ था। उनका जन्म 23 सितंबर 1908 को सिमारिया नामक एक गांव मे हुआ था जो वर्तमान मे बिहार राज्य मे है। उनका परिवार एक ब्राह्मण माना जाता है। उनके वैवाहिक जीवन की बात करे तो उनका विवाह बिहार राज्य के समस्तीपुर जिले के तभका नाम गांव की लडकी से हुआ था। जब वे स्कूल मे थे तो उनका पसंदीदा विषय इतिहास, राजनीति विज्ञान, मनोविज्ञान इत्यादि थे। अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद वे काॅलेज गये और वहा पर उन्होने हिन्दी, संस्कृत, मैथिली, बंगाली, उर्दु इत्यादि भाषा का अध्ययन किया। उन के समय मे वे रवीन्द्र नाथ टेगौर व इकबाल जैसे कवियों से प्रेरित थे और उनसे प्रेरित भी होते थे। रामधारी सिंह ने देश की आजादी के समय भी अपनी कवि शक्ति से लोगो को काफी प्रफुल्लित किया और उनको देश की आजादी के लिए प्रेरित किया। वह दिल व ज्ञान से काफी धनी थे।
इस लेख मे आपको बताई गई जानकारी पुर्ण रूप से इंटरनेट से ली गई है जिसके बारे मे आपको इस लेख के माध्यम से बताया गया है। इस लेख मे बताई गई जानकारी पर विश्वास किया जा सकता है परन्तु इन फैक्ट्स के बारे हम किसी भी प्रकार की पुष्टि नही करते है।
निष्कर्ष
इस लेख मे आपको आजादी के दीवानों मे शामिल रामधारी सिंह दिनकर के बारे मे बताया गया है। आपको बता दे की इनका जन्म बिहार राज्य मे हुआ था। साल 1908 मे जन्मे यह एक मशहूर स्वतंत्रता सेनानी भी रहे है जो की रवीन्द्रनाथ टेगौर से भी काफी प्रभावित थे। राष्ट्रकवि के नाम से पुकारे जाने वाली श्री रामधारी सिंह ‘दिनकर’, ने अपनी प्रेरक से देश मे देशभक्तिपूर्ण रचना के कारण राष्ट्रवादी भावना पैदा की और भारत को आजादी दिलाने मे अप्रत्यक्ष रूप से मदद की। उम्मीद करते है आपको यह लेख पसंद आया होगा और यह जानकारी आपके लिए उपयोगी रही होगी।