दोस्तों, आप सभी ने हमारे देश का राष्ट्रगान तो सुना और गाया भी है। क्या आपको पता है आजादी के समय इस गीत के माध्यम से देशवाशियों के मन में जागृति लाने वाले कौन हैं? देश की स्वतंत्रता से पहले आजादी की लड़ाई में अनेकों सक्रिय क्रांतिकारियों ने भाग लिया था जिसकी बदौलत इस देश को आजादी मिली। आपको इस लेख मे ऐसे ही एक शख्स के बारे में बता रहे है जिसे हम आज ठाकुर रविन्द्र नाथ टैगोर के नाम से जानते हैं और उनके गीत आज भी लोगों द्वारा स्वतंत्रता की याद के रूप मे गाये जाते हैं। अतः आप इस लेख को अंत तक पढ़ें ताकि आपको इसके बारे मे पूरी जानकारी मिल सके।
रविन्द्र नाथ टेगौर का जीवन परिचय
आजादी दिवस पर गाया जाने वाला राष्ट्रगान के निर्माता रवींद्रनाथ टैगोर अपने समय के एक महान कवि, नाटककार और साथ-साथ एक निबंधकार भी हुआ करते थे। उन्होंने अपने जीवन काल में कई सारी रचनाएं लिख थीं, जिनमें से कुछ आज भी देश में ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व में काफी प्रसिद्ध हैं। तत्कालीन समय में इनका जन्म एक अमीर बंगाली परिवार में हुआ था। रवींद्रनाथ टैगोर को उस समय कविताएं लिखने का बहुत शौक था। बचपन से ही उनका झुकाव साहित्य की ओर था। उन्होंने बहुत ही छोटी आयु में कविताएं लिखने का कार्य शुरू कर दिया था।
जीवन का संक्षिप्त परिचय
बिन्दु | जानकारी |
नाम (Name) | रवींन्द्रनाथ टैगोर |
पिता का नाम (Father name) | देवेंद्र नाथ टैगोर |
माता का नाम (Mother name) | शारदा देवी |
जन्म (Birth) | 7 मई 1861 |
जन्म स्थान (Birth Place) | कोलकाता |
शिक्षा (Education) | लन्दन लॉ कॉलेज |
कार्यक्षेत्र (Profession) | कवि |
पुरस्कार (Awards) | नोबेल पुरस्कार (1913) |
मुख्य योगदान (Major Work) | राष्ट्रगान के रचयिता |
रवीन्द्रनाथ टैगोर के बारे के कुछ सामान्य जानकारी
- आपको बता दें कि उन्हें हिन्दी के अलावा और भी कई अन्य भाषाओं का ज्ञान था जिस वजह से उन्होंने अपनी इंग्लैंड की लंबी समुद्री यात्रा के दौरान अपनी पुस्तक गीतांजलि का अंग्रेजी में अनुवाद किया। गीतांजलि के प्रकाशित होने के केवल एक साल के भीतर ही उनको उस पुस्तक के लिए साहित्य में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था।
- रवीन्द्रनाथ टैगोर एक प्रसिद्ध कवि होने के साथ-साथ, एक प्रतिभाशाली लेखक, उपन्यासकार, दृश्य कलाकार, संगीतकार, नाटककार और एक दार्शनिक भी थे। वह अपनी बातों से लोगों को मोह लेते थे।
- भारतीय साहित्य में रवीन्द्रनाथ टैगोर का योगदान बहुत महत्वपूर्ण था। आपको बता दें कि आजादी के समय गाया जाने वाला राष्ट्रगान ‘‘जन गन मन’’ उन्हीं के द्वारा लिखा गया था।
- 1901 से पहले रवीन्द्रनाथ टैगोर इंग्लैंड मे रहते थे और वहाँ से वापस आने के बाद, अपनी शादी से लेकर सन 1901 तक का अधिकांश समय उन्होंने अपने परिवार की जागीर पर बिताया था जो की सिआलदा (अब बांग्लादेश) में स्थित है। वे यहाँ पर साल 1898 से रहने लगे थे। उन्होंने यहां पर रहते हुए कई कविताएं भी लिखी थीं।
रवीन्द्रनाथ टैगोर के बारे में कुछ रोचक तथ्य (Facts about Rabindranath Tagore)
- आपको बता दें की रवींद्रनाथ टैगोर वो शख्सियत हैं जिन्होने भारत के अलावा बांग्लादेश के लिए भी राष्ट्रगान गाया है। आपको बता दें की भारत का ‘‘जन गण मन’’ इन्हीं के द्वारा गाया गया है वहीं बांगलादेश का “अमार शोनार बांग्ला” भी इन्होने ही गाया है। आप इस बात से शायद अनजान होंगे की रवीन्द्र नाथ टैगोर ने श्रीलंका के लिए भी एक राष्ट्रगान “श्रीलंका मठ” के नाम से लिखा था जिसे 1951 में सिंहली भाषा जो की श्रीलंका की भाषा है, में अनुवादित कर वहां का राष्ट्रगान बना दिया गया था।
- वैसे तो टैगोर द्वारा कई किताबे लिखी गई हैं, लेकिन ‘द किंग ऑफ द डार्क चैंबर’ उनकी सबसे लोकप्रिय किताब है। कुछ साल पहले ही भारत से सात समुन्दर दूर अमेरिका में तकरीबन सात सौ डॉलर (करीब 45 हजार रुपये) में इसकी नीलामी भी हुई थी।
- भारत का पहला नोबेल पुरस्कार भी रवींद्रनाथ टैगोर को ही दिया गया था, उन्हें 1913 में यह पुरस्कार उनकी रचना “गीतांजलि” के लिए दिया गया था।
- आपको यह भी बता दे की रविंद्र नाथ टैगोर हस्त चित्र बनाने में भी काफी पारंगत माने जाते थे, उन्होंने अपने जीवन के 60 साल की उम्र के दौरान चित्र बनाने भी शुरू कर दिये थे, जो काफी पॉपुलर भी हुए थे।
- रवीन्द्रनाथ टैगोर ने कई देशों की यात्राएं की हैं जिनमे अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, चीन इत्यादि देश शामिल हैं।
- ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम ने साहित्य के क्षेत्र में महान कार्य व योगदान के लिए 1915 में उनको “शूरवीर” की उपाधि दी थी।
- आज हम गांधी को महात्मा गांधी के नाम से जानते हैं, गांधी जी को “महात्मा” की उपाधि भी रवीन्द्रनाथ टैगोर ने ही दी थी।
- रवींद्रनाथ का जन्म वर्तमान के बांग्लादेश मे हुआ था जो की उस समय वह भारत का हिस्सा था।
निष्कर्ष
दोस्तों इस लेख में आपको भारत के राष्ट्रगान निर्माता गुरूदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर के बारे में बताया गया है। आजादी दिवस पर गाया जाने वाला राष्ट्रगान के निर्माता रवींद्रनाथ टैगोर अपने जीवन समय में एक महान कवि, नाटककार और साथ साथ एक निबंधकार भी हुआ करते थे और उन्होंने अपने उस जीवन काल में कई सारी रचनाएं लिख रखी हैं जो आज भी काफी मशहूर है। इनके द्वारा लिखी गई कई ऐसी रचनाएं है जो आज भी देश में ही नही अपितु दुनिया में भी काफी प्रसिद्ध हैं। उम्मीद करते है आपको यह लेख पसंद आया होगा और यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित हुई होगी ऐसी आशा करते हैं।