प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) योजना भारत सरकार द्वारा संचालित एक केंद्रीय योजना है, जिसका उद्देश्य देश के छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। यह योजना 24 फरवरी 2019 को शुरू की गई थी। योजना का उद्देश्य किसानों को उनकी कृषि गतिविधियों और अन्य घरेलू जरूरतों के लिए आर्थिक सहायता देना है, ताकि उनकी आय में वृद्धि हो सके और वे आत्मनिर्भर बन सकें।
योजना की मुख्य विशेषताएं
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आर्थिकसहायता:
इस योजना के तहत पात्र किसानों को प्रतिवर्ष ₹6,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह राशि तीन किस्तों में, हर चार महीने में ₹2,000 के रूप में सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है।
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पात्रता:
यह योजना मुख्य रूप से छोटे और सीमांत किसानों को लक्षित करती है, जिनके पास 2 हेक्टेयर (लगभग 5 एकड़) तक की कृषि भूमि होती है।
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लाभकासीधाहस्तांतरण (DBT):
योजना के तहत धनराशि सीधे किसानों के बैंक खातों में स्थानांतरित की जाती है, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जाती है और पारदर्शिता बनी रहती है।
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राष्ट्रीयकवरेज:
यह योजना देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लागू की गई है, हालांकि कुछ राज्यों में इसे लागू करने में प्रारंभिक देरी हुई।
योजना का उद्देश्य
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किसानकीआयमेंसुधार:
भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का एक प्रमुख योगदान है, लेकिन छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। PM-Kisan योजना का उद्देश्य उनकी आय में सुधार करना है।
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कृषि क्षेत्र का विकास:
योजना का उद्देश्य किसानों को कृषि गतिविधियों के लिए आवश्यक संसाधनों को जुटाने में सहायता करना है। यह कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने और उत्पादकता में सुधार करने में मदद करता है।
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ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना:
कृषि आय में वृद्धि के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना इस योजना का मुख्य लक्ष्य है।
पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
1. पात्रता मानदंड:
- योजना का लाभ केवल छोटे और सीमांत किसान परिवारों को मिलता है।
- किसान परिवार की परिभाषा: पति, पत्नी और 18 वर्ष तक के नाबालिग बच्चे।
- किसान के पास अपनी कृषि भूमि का रिकॉर्ड होना चाहिए।
- वे किसान जो सरकारी कर्मचारी, सांसद, विधायक, या पेंशनधारक हैं, इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं।
2. आवेदन प्रक्रिया:
- ऑनलाइन आवेदन: किसान PM-Kisan पोर्टल (pmkisan.gov.in) पर जाकर खुद को पंजीकृत कर सकते हैं।
- स्थानीय अधिकारी: ग्राम पंचायत या CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) के माध्यम से भी आवेदन किया जा सकता है।
- दस्तावेज़ आवश्यकताएँ: आधार कार्ड, भूमि के स्वामित्व का प्रमाण, बैंक खाता विवरण।
योजना की प्रगति
योजना की शुरुआत से लेकर अब तक लाखों किसानों को इसका लाभ मिला है। केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक करोड़ों किसानों को ₹2.3 लाख करोड़ से अधिक की राशि वितरित की जा चुकी है।
कोविड-19 महामारी के दौरान:
महामारी के दौरान PM-Kisan योजना ने किसानों को आर्थिक संकट से बचाने में अहम भूमिका निभाई। लॉकडाउन के दौरान कई किसानों को समय पर आर्थिक सहायता प्रदान की गई, जिससे उनकी आजीविका को स्थिरता मिली।
योजना की सफलता और चुनौतियाँ
1. सफलता:
- सीधा लाभ: किसानों को सीधे उनके बैंक खातों में धनराशि मिलती है।
- पारदर्शिता: DBT प्रणाली ने भ्रष्टाचार को कम किया है।
- समग्र आर्थिक प्रभाव: ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिला है।
2. चुनौतियाँ:
- अधूरी कवरेज: कई पात्र किसान अब भी योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं।
- डाटा अपडेट की समस्या: कई बार आधार, बैंक खाता, और भूमि रिकॉर्ड का सही मिलान न होने के कारण लाभार्थियों को धनराशि प्राप्त नहीं हो पाती।
- पारदर्शिता और निगरानी: कुछ मामलों में अपात्र व्यक्तियों द्वारा लाभ उठाने की घटनाएँ भी सामने आई हैं।
सरकार द्वारा उठाए गए सुधार कदम
सरकार ने योजना की पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं।
- ई–केवाईसी अनिवार्यता: लाभार्थियों के लिए आधार आधारित ई-केवाईसी अनिवार्य की गई है।
- डिजिटल अपडेट: किसानों को अपनी जानकारी ऑनलाइन अपडेट करने का विकल्प दिया गया है।
- ऑडिट और समीक्षा: योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए समय-समय पर ऑडिट किया जाता है।
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
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ग्रामीण परिवारों पर प्रभाव:
PM-Kisan योजना ने किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है। यह योजना उनकी कृषि जरूरतों और घरेलू खर्चों को पूरा करने में मदद करती है।
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महिला किसानों पर प्रभाव:
इस योजना का लाभ महिलाओं को भी मिला है, खासकर जब वे अपने परिवार की कृषि भूमि की मालिक हैं। इससे उनकी आर्थिक स्वतंत्रता में भी सुधार हुआ है।
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राज्य सरकारों की भूमिका:
योजना के सफल क्रियान्वयन में राज्य सरकारों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वे लाभार्थियों के डेटा को सत्यापित करने और योजना को जमीनी स्तर पर लागू करने में सहायक होती हैं।
आलोचना और सुझाव
1. आलोचना:
- कई राज्यों में योजना का क्रियान्वयन धीमा रहा है।
- कई पात्र किसान योजना से वंचित रह गए हैं।
- भूमि रिकॉर्ड और बैंक खातों की जानकारी में त्रुटियों के कारण कई लाभार्थियों को समय पर किस्त नहीं मिल पाती।
2. सुझाव:
- पात्र किसानों की पहचान प्रक्रिया को और अधिक सटीक और पारदर्शी बनाया जाए।
- योजना का लाभ अधिकतम किसानों तक पहुँचाने के लिए जागरूकता अभियानों की जरूरत है।
- लाभार्थियों के डेटा को समय-समय पर अपडेट किया जाए।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना भारतीय किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में सहायक है। यह योजना न केवल किसानों की आय में वृद्धि करती है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देती है। हालांकि, योजना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए कुछ चुनौतियों का समाधान करना आवश्यक है। किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए यह योजना एक मील का पत्थर साबित हो सकती है, यदि इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।