1. स्टॉक एक्सचेंज
शेयर बाजार के संचालन का सबसे महत्वपूर्ण घटक स्टॉक एक्सचेंज है। भारत में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं।
स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसा मंच है जहाँ शेयरों, बॉन्ड्स, और अन्य वित्तीय साधनों की खरीद और बिक्री होती है।
2. कंपनियाँ (शेयर जारी करने वाली कंपनियाँ)
कंपनियाँ शेयर जारी करती हैं ताकि वे अपने व्यवसाय के विस्तार के लिए पूंजी जुटा सकें। यह कंपनियाँ शेयर बाजार में लिस्ट होती हैं और उनके शेयरों की ट्रेडिंग होती है।
आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा कंपनियाँ पहली बार अपने शेयर जनता को बेचती हैं।
3. निवेशक (Investors)
शेयर बाजार में निवेशक दो प्रकार के होते हैं: व्यक्तिगत निवेशक और संस्थागत निवेशक।
व्यक्तिगत निवेशक वे लोग होते हैं जो अपने व्यक्तिगत पैसे से निवेश करते हैं, जबकि संस्थागत निवेशक विभिन्न वित्तीय संस्थाएँ होती हैं जो दूसरों के पैसे का निवेश करती हैं, जैसे कि म्युचुअल फंड्स, बीमा कंपनियाँ आदि।
4. ब्रोकर्स और ब्रोकर फर्म
ब्रोकर्स शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया को आसान बनाते हैं। वे निवेशकों को स्टॉक एक्सचेंज के साथ जोड़ते हैं।
भारत में Zerodha, Upstox, और Angel One जैसे ऑनलाइन ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म लोकप्रिय हैं।
5. सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड)
भारतीय शेयर बाजार का नियामक SEBI (Securities and Exchange Board of India) है। इसका उद्देश्य निवेशकों को सुरक्षित रखना और शेयर बाजार को व्यवस्थित करना है।
SEBI का कार्य है कि वह सभी गतिविधियों पर निगरानी रखे और नियमों का पालन करवाए ताकि बाजार में धोखाधड़ी और अनियमितताओं से बचा जा सके।
6. क्लियरिंग और सेटलमेंट एजेंसी
क्लियरिंग और सेटलमेंट एजेंसी का कार्य ट्रेडों को प्रोसेस करना, उनका रिकॉर्ड रखना, और पैसे का सेटलमेंट करना है।
भारत में NSDL (National Securities Depository Limited) और CDSL (Central Depository Services Limited) दो प्रमुख एजेंसियाँ हैं जो यह कार्य करती हैं।
7. डिपॉजिटरी सिस्टम
डिपॉजिटरी सिस्टम शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखने की सुविधा प्रदान करता है।
डिपॉजिटरी एजेंसियाँ निवेशकों के शेयरों को डिजिटल रूप में रखती हैं, जिससे उनके पास शेयरों की फिजिकल कॉपी रखने की आवश्यकता नहीं होती।
8. इन्डेक्स (सूचकांक)
सूचकांक शेयर बाजार का स्वास्थ्य दर्शाने का एक माध्यम है। BSE का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और NSE का प्रमुख सूचकांक निफ्टी है।
सूचकांक प्रमुख कंपनियों के प्रदर्शन को मापता है, जिससे निवेशकों को बाजार की दिशा समझने में मदद मिलती है।
9. ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म
ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म वह सॉफ्टवेयर होता है, जिसके माध्यम से निवेशक शेयरों की खरीद-बिक्री कर सकते हैं।
यह प्लेटफार्म्स रियल-टाइम डेटा, चार्ट्स, और अन्य विश्लेषण टूल्स प्रदान करते हैं।
10. मार्केट मेकर्स
मार्केट मेकर्स वे होते हैं जो बाजार में लिक्विडिटी बनाए रखते हैं। वे शेयरों की खरीद और बिक्री के लिए कीमत निर्धारित करने का कार्य करते हैं, जिससे बाजार में स्थिरता बनी रहती है।
11. रिसर्च और एनालिस्ट
रिसर्च कंपनियाँ और एनालिस्ट निवेशकों को सही निवेश निर्णय लेने के लिए आवश्यक डेटा और सलाह प्रदान करते हैं।
इन एनालिस्ट्स के द्वारा की गई रिसर्च रिपोर्ट्स और एनालिसिस से निवेशकों को कंपनियों की वर्तमान स्थिति का अनुमान लगाना आसान हो जाता है।
12. मार्केट पार्टिसिपेंट्स (बाजार प्रतिभागी)
बाजार में विभिन्न प्रतिभागी होते हैं जैसे कि ट्रेडर्स, इनवेस्टर्स, हेज फंड्स, म्यूचुअल फंड्स, और प्राइवेट इक्विटी फर्म्स।
प्रत्येक प्रतिभागी का उद्देश्य अलग-अलग होता है। कुछ लोग अल्पकालिक लाभ के लिए ट्रेडिंग करते हैं, जबकि कुछ लोग दीर्घकालिक निवेश में रुचि रखते हैं।
13. तकनीकी और मौलिक विश्लेषण
शेयर बाजार में निवेश के लिए तकनीकी और मौलिक विश्लेषण का उपयोग होता है।
तकनीकी विश्लेषण में चार्ट्स और पैटर्न्स का अध्ययन किया जाता है, जबकि मौलिक विश्लेषण कंपनी की वित्तीय स्थिति और बाजार की स्थिति का अध्ययन करता है।
14. भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक कारक
शेयर बाजार में निवेशकों की भावनाएँ भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। बाजार में तेजी और मंदी का एक कारण निवेशकों की भावनाएँ और निर्णय होते हैं।
निवेशकों का विश्वास और डर दोनों ही शेयर बाजार की दिशा को प्रभावित करते हैं।
15. ऑर्डर टाइप्स
शेयर बाजार में कई प्रकार के ऑर्डर होते हैं, जैसे कि लिमिट ऑर्डर, मार्केट ऑर्डर, स्टॉप-लॉस ऑर्डर आदि।
निवेशक विभिन्न प्रकार के ऑर्डर का उपयोग करके अपने निवेश की रणनीति बना सकते हैं।
16. डेरिवेटिव्स (वायदा और विकल्प)
डेरिवेटिव्स एक प्रकार का वित्तीय उपकरण है जो शेयर बाजार में ट्रेडिंग के अवसर प्रदान करता है।
वायदा और विकल्प (फ्यूचर्स और ऑप्शन्स) डेरिवेटिव्स के प्रमुख प्रकार हैं।
17. इक्विटी और डेट मार्केट
शेयर बाजार में इक्विटी मार्केट और डेट मार्केट दो प्रमुख श्रेणियाँ होती हैं।
इक्विटी मार्केट में शेयरों की ट्रेडिंग होती है, जबकि डेट मार्केट में बॉन्ड्स और ऋण साधनों की ट्रेडिंग होती है।