अनुशासन का शाब्दिक अर्थ है “सभी के लिए सही तरीके का जीवन जीना या यूं कह सकते हैं एक खुशहाल जीवन जीना” और यह तभी संभव है जब हम इसमें एक अनुशासन बनाए रखें। यह कहना मुश्किल होगा की नियमों के पीछे चलना, अनुशासन का अर्थ पूरी तरह की स्वतंत्रता जिसे परतंत्रता कदापि नही कहते हैं। समय, परिस्थिति और स्थान के अनुरूप चलना ही अनुशासन कहलाता है। जो व्यक्ति के जीवन को सरल बनाता है वही अनुशासन होता है, वही उसके जीवन का आधार भी हो सकता है। मानव के जीवन मे अनुसाशन काफी महत्वपूर्ण है इसका पालन करना हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है। ऐसा कहा भी जाता है कि जो काम अनुशासन से हो सकता है वह किसी और तरीके से नहीं हो सकता।
अनुशासन का अर्थ | Meaning of Discipline in Hindi
अनुशासन अंग्रेजी के Discipline शब्द का पर्याय है जो कि “Dispile” शब्द से बना है, जिसका अर्थ है शिष्य। शिष्य से आज्ञा का अनुसरण करने की अपेक्षा की जाती है संस्कृत में ये शास धातु के शब्द से बना हुआ है जिसका अर्थ नियमों का पालन करना है।
अनुशासन का महत्व | Importance of Discipline in Hindi
जीवन में अनुशासन का काफी ज्यादा महत्व है समस्त प्रकृति एक अनुशासन में बनकर ही चलती है इसलिए उसके किसी भी क्रियाकलापों में बाधा नहीं आती है। जैसे आप कहीं भी जायेंगे या आयेंगे तो आपको एक अच्छा अनुभव मिलेगा। जीवन में दिन / रात नियमित रूप से कई बाधाए आती हैं जो कि अनुशासन के द्वारा ही खत्म हो सकती हैं। जीवन में अनुशासन से भटक जाने पर व्यक्ति आंशिक रूप से चरित्रहीन, दुराचारी तथा निंदनीय हो जाता है। समाज में उसका कोई सम्मान नहीं रहता, जीवन मे अनुशासन का मतलब ही यही है कि किसी भी कार्य को अनुशासित रहते हुए करना। व्यक्ति को सफलता भी तभी प्राप्त होती है जब व्यक्ति अपने निजी व व्यावसायिक जीवन में अनुशासित रहता है।
विद्यार्थी और अनुशासन | Student and Discipline in Hindi
Vidyarthi Jeevan Me Anushasan Ka Mahatva: विद्यार्थी और अनुशासन एक ही गाड़ी के दो पहिये के समान हैं। विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन बहुत ही जरुरी है, विद्यार्थी भावी भविष्य की नीव होते हैं। विद्यार्थी को अनुशासन में रहते हुए ही शिक्षा, व्यवहार, आचार – विचार इत्यादि से संबंधित कार्य करना चाहिए। एक विद्यार्थी को नियमित रूप से अध्ययन करना, विद्यालय जाना ,व्यायाम करना ,गुरुजनों का आदर करना, उनकी कहे अनुसार चलना सब के साथ अच्छा व्यवहार करना इस सब की शिक्षा उसे विद्यार्थी जीवन में ही मिलती है और एक तरह से कह सकते हैं कि अनुशासन की शिक्षा और उनका पालन करना ही विद्यार्थी का कर्तव्य है। बिना अनुशासन के विद्यार्थी का जीवन सफल होना नामुमकिन है।
अनुशासन की शिक्षा | Discipline Education in Hindi
Discipline on Education in Hindi : किसी भी बच्चे का सबसे पहले संपर्क अपने माता पिता और अपने परिवार से होता है। अन्य प्रकार की शिक्षा के अलावा उसे जीवन में अनुशासन की शिक्षा भी परिवार से ही प्राप्त होती है, उसके बाद वह विद्यालय, फिर समाज से जीवन में अनुशासन सीखता है। शिक्षा का पहला पाठ तो वह अपने घर से ही सीखता है और यह अनुशासन भय से और सही दिशा-निर्देश से ही होता है। अनुशासन में संस्कारों का भी दायित्व मिला रहता है। उन संस्कारों से व्यक्ति के जीवन में अनुशासन आता है। अगर व्यक्ति में लड़ाई , आतंक आदि भावनाएं पनपती हैं तो यह सब ज्यादातर घर के बाहर की शिक्षा होती है जो उस पर हावी होती है। इसलिए संस्कार की शिक्षा, अनुशासन यह सब हमारे परिवार हमारे घर की देन होती है जो हमें बचपन से मिलती है।
अनुशासन के लाभ | Benefits of Discipline in Hindi
अनुशासन का हमारे जीवन में कई ऐसे लाभ हैं जो हमारे लिए ना केवल अनुशासन वरन् यह हमारे जीवन को प्रत्येक क्षेत्र में हमें लाभ दिलाता है। साथ ही हमें समाज में सम्मान भी दिलाता है। अध्ययन , व्यवहार , खेलकूद , व्यायाम , शासन आदि अनुशासन के ही उपकरण है। उन्हीं के द्वारा हम हमारे तन-मन को स्वस्थ रख सकते हैं वही अनुशासन द्वारा ही व्यक्ति अपने जीवन मे उच्च आदर्शों को पाता है। अनुशासन से ही उसे ज्ञान की प्राप्ति होती है। पवित्र मन और बुद्धि से ही ज्ञान का संचार होता है। और इसमें अनुशासन का एक महत्वपूर्ण योगदान रहता है।
अनुशासनहीनता एक अभिशाप | Indiscipline a Curse in Hindi
अगर व्यक्ति के जीवन में अनुशासन नहीं होगा या व्यक्ति अनुशासन हीन है, तो उसका जीवन असफलता, आलस्य, हार इन सब से घिरा रहता है। अनुशासन को पसंद न करने वाला व्यक्ति समाज को भी नष्ट कर देता है। दुर्भाग्यवश आज हमारे समाज व देश में अनुशासनहीनता बढ़ती जा रही है, जैसे कि स्कूल , कॉलेज , ऑफिस आदि कई जगह अनुशासनहीनता ने अपने पैर जमा लिये हैं। जिसके चलते कई जगह लड़ाई झगडा, काम चोरी , जैसी चीजें व घटनाएँ पनप रही हैं। रैंगिग जैसी खतरनाक कार्य जो कि अनुशासनहीनता द्वारा ही किया जाता है जिसके चलते ना जाने कितने ही बच्चे अपनी जान दे देते हैं धर्म और समाज में नियंत्रण समाप्त हो रहे हैं। प्रशासन से अधिकारी, कर्मचारी, स्वयं अनुशासनहीन हो रहे हैं जो की आने वाले समाज के लिए एक खतरा साबित हो सकता है।
अनुशासन समाज के रीढ़ की हड्डी है | Discipline is the Backbone of Society
जिस प्रकार शरीर मे रीढ़ की हड्डी के बिना हमारा शरीर खड़ा नहीं रह सकता और ना ही हमारा शरीर सही ढंग से कार्य कर सकता है। ठीक उसी प्रकार अनुशासन के बिना हमारा समाज भी तितर-बितर हो सकता है और आज की उत्पादकता कम हो जाएगी। समाज का खंडन होना ही विनाश का कारण हो सकता है। जीवन मे अनुशासन को काफी महत्व दिया जाता है जो की हमारे जीवन के लिए सकारात्मक है व सही भी है। समाज में सामाजिक जुड़ाव के लिए अनुशासन का होना जरूरी है। अनुशासन जीवन की कडी व आधार है जो हमे आगे बढने हेतु प्रेरित करती है।
उपंसहार :-
जिस प्रकार से खबरों में देखा व सुना जाता है की कई जगह अनुशानसहीन लोग दूसरों को कष्ट व दुःख देने में कोई कसर नही रखते हैं। अनुशासन का आज के समय मे काफी महत्व है। बिना अनुशासन व्यक्ति अपने जीवन में कोई कार्य आसानी से नही कर सकता है। अगर व्यक्ति के जीवन में अनुशासन नही होगा तो वह व्यक्ति अपने घर घर-परिवार व समाज सभी के लिए कलंक है।