नीतीश कुमार भारतीय राजनीति के एक प्रमुख और प्रभावशाली व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में राज्य का नेतृत्व करते हुए सुशासन और विकास के लिए कई अहम कदम उठाए। उनका जीवन और राजनीतिक सफर प्रेरणादायक है। उनके नेतृत्व में बिहार ने बुनियादी ढांचे, शिक्षा और कानून-व्यवस्था जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। राजनीति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और समाज के प्रति उनकी सेवा भावना उन्हें एक अलग पहचान देती है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 को बिहार के बख्तियारपुर में हुआ था। उनके पिता कविराज राम लखन सिंह एक आयुर्वेदिक चिकित्सक और स्वतंत्रता सेनानी थे, जबकि उनकी माता परमेश्वरी देवी एक गृहिणी थीं। साधारण परिवार में जन्मे नीतीश कुमार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव और आसपास के स्कूलों में पूरी की। बाद में उन्होंने पटना के बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (अब राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, पटना) से विद्युत अभियांत्रिकी में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। अपने शिक्षणकाल के दौरान ही वे समाज और देश की सेवा के प्रति प्रेरित हुए। स्नातक की पढ़ाई के बाद उन्होंने बिहार राज्य विद्युत बोर्ड में कुछ समय तक काम किया, लेकिन उनके मन में समाज सेवा का विचार गहराई तक समाया हुआ था। इसी के चलते उन्होंने नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा।
नीतीश कुमार का परिवार
नीतीश कुमार का विवाह मंजू कुमारी सिन्हा से हुआ था, जो एक शिक्षित और सादा जीवन जीने वाली महिला थीं। उनके एकमात्र पुत्र निशांत कुमार हैं, जो अपने पिता की तरह सरल जीवन जीते हैं लेकिन राजनीति से दूर रहते हैं। निशांत कुमार ने खुद को सार्वजनिक जीवन से अलग रखते हुए निजी जीवन में सादगी को अपनाया है। मंजू कुमारी का 2007 में निधन हो गया, जिसके बाद नीतीश कुमार ने खुद को पूरी तरह राजनीति और राज्य की सेवा में समर्पित कर दिया। उनके परिवार में उनकी माता परमेश्वरी देवी और पिता राम लखन सिंह के साथ उनकी विरासत का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखता है।
राजनीतिक सफर
नीतीश कुमार का राजनीतिक जीवन 1974 में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में हुए ‘संपूर्ण क्रांति आंदोलन’ से शुरू हुआ। इस आंदोलन ने उन्हें राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। 1985 में वे पहली बार बिहार विधान सभा के सदस्य चुने गए। इसके बाद, 1989 में वे बाढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने और केंद्र सरकार में कृषि राज्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। कृषि मंत्री के रूप में उन्होंने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने और किसानों के कल्याण के लिए कई योजनाएं लागू कीं।
1998-1999 के दौरान उन्होंने रेल मंत्री के रूप में सेवा की। इस दौरान उनकी नीतियों और सुधारों ने भारतीय रेलवे को एक नई दिशा दी। उन्होंने रेलवे टिकटिंग प्रणाली में ऑनलाइन सेवाओं की शुरुआत की और कई नई गाड़ियों को शुरू किया। उनके कार्यकाल को रेलवे के इतिहास में सबसे प्रगतिशील माना जाता है। उनके सुधारात्मक कार्यों के लिए उन्हें देशभर में सराहा गया।
मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल
नीतीश कुमार ने 2000 में पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हालांकि, यह कार्यकाल केवल 7 दिनों का था क्योंकि वह बहुमत साबित नहीं कर सके। इसके बाद 2005 में उन्होंने दोबारा मुख्यमंत्री पद संभाला और बिहार को विकास की नई राह पर ले गए। उनके शासनकाल में बिहार ने कानून-व्यवस्था में सुधार, बुनियादी ढांचे का विकास और शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां हासिल कीं। उन्होंने लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए ‘साइकिल योजना’ जैसी क्रांतिकारी योजनाएं शुरू कीं, जिसने लड़कियों के स्कूल ड्रॉपआउट दर को कम किया।
कानून-व्यवस्था में सुधार के साथ उन्होंने राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए। उनके नेतृत्व में बिहार को ‘सुशासन बाबू’ के नाम से पहचाना जाने लगा। अब तक नीतीश कुमार 9 बार बिहार के मुख्यमंत्री बन चुके हैं। हर बार उन्होंने राज्य की बेहतरी के लिए ठोस कदम उठाए।
नीतीश कुमार का उम्र
नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 को हुआ था, जिससे 2024 के अनुसार उनकी उम्र 73 वर्ष है। इस उम्र में भी वे पूरी ऊर्जा और प्रतिबद्धता के साथ राजनीति में सक्रिय हैं। उनका काम करने का जज्बा और नेतृत्व क्षमता आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल
नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल की शुरुआत 3 मार्च 2000 को की। हालांकि, यह कार्यकाल केवल 7 दिनों का था क्योंकि वह बहुमत साबित नहीं कर सके। इसके बाद, 24 नवंबर 2005 को उन्होंने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और राज्य में स्थिरता और सुशासन की नींव रखी। उनके नेतृत्व में बिहार ने विकास के एक नए युग की शुरुआत की।
2005 से 2024 तक, नीतीश कुमार 9 बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। इस दौरान उन्होंने कानून-व्यवस्था, बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण के क्षेत्रों में कई ऐतिहासिक फैसले लिए। उनके कार्यकाल को उनके सुधारात्मक दृष्टिकोण और विकासपरक नीतियों के लिए जाना जाता है।
1. कानून-व्यवस्था में सुधार
मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार ने कानून-व्यवस्था में सुधार को अपनी प्राथमिकता बनाया। 2005 से पहले, बिहार की पहचान एक अपराध-प्रवण राज्य के रूप में थी। अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई और न्यायिक प्रक्रियाओं को तेज करके उन्होंने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को मजबूत किया। उन्होंने पुलिस बल को आधुनिक उपकरणों से लैस किया और प्रशासनिक सुधार किए, जिससे राज्य में लोगों का विश्वास बहाल हुआ। उनके कार्यकाल में अपराध दर में गिरावट आई और निवेशकों का ध्यान बिहार की ओर आकर्षित हुआ।
2. बुनियादी ढांचे का विकास
बिहार के बुनियादी ढांचे में सुधार नीतीश कुमार की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। उन्होंने सड़क, बिजली और पानी जैसी आवश्यक सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए कई योजनाएं शुरू कीं।
- सड़कों का निर्माण: उनके कार्यकाल में राज्य की सड़कों की स्थिति में बड़ा सुधार हुआ। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों को मुख्य सड़कों से जोड़ने के लिए “मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना” शुरू की।
- बिजली आपूर्ति में सुधार: उनके कार्यकाल में बिहार में बिजली की उपलब्धता में बड़ा सुधार हुआ। 2005 में जहां राज्य के अधिकांश गांवों में बिजली नहीं थी, वहीं 2020 तक उन्होंने हर घर तक बिजली पहुंचाने का वादा पूरा किया।
- नहर और सिंचाई योजनाएं: किसानों के लिए सिंचाई सुविधा को बेहतर बनाने के लिए नहरों और जलाशयों का पुनर्निर्माण किया गया।
3. शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति
नीतीश कुमार के कार्यकाल में शिक्षा के क्षेत्र में कई ऐतिहासिक पहल हुईं। उन्होंने खासतौर पर महिलाओं और वंचित वर्गों की शिक्षा पर जोर दिया।
- साइकिल योजना: 2007 में, लड़कियों को उच्च शिक्षा तक पहुंचाने के लिए उन्होंने ‘मुख्यमंत्री साइकिल योजना’ शुरू की। इस योजना के तहत लड़कियों को साइकिल दी गई, जिससे स्कूलों में उनकी उपस्थिति बढ़ी और ड्रॉपआउट दर में कमी आई।
- स्कूलों का निर्माण: राज्य में स्कूलों और कॉलेजों की संख्या बढ़ाई गई। शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नियुक्ति की गई।
- पढ़ाई का अधिकार: शिक्षा को सबके लिए सुलभ बनाने के लिए उन्होंने सरकारी स्कूलों में मुफ्त पाठ्यपुस्तकों और यूनिफॉर्म की योजना शुरू की।
4. स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
नीतीश कुमार के शासनकाल में स्वास्थ्य सेवाओं में भी बड़ा सुधार हुआ। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHCs) की सेवाओं को मजबूत किया गया और स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या में वृद्धि की गई।
- आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति: ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की गई।
- मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं: सरकारी अस्पतालों में गरीबों के लिए मुफ्त इलाज और दवाइयां उपलब्ध कराई गईं।
- मातृ मृत्यु दर में कमी: उनकी नीतियों के कारण राज्य में मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में कमी आई।
5. महिला सशक्तिकरण
महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए नीतीश कुमार ने कई योजनाएं शुरू कीं।
- महिला आरक्षण: पंचायतों में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण लागू किया।
- लोन योजनाएं: स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सब्सिडी वाले लोन उपलब्ध कराए।
- बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान: उन्होंने बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ बड़े पैमाने पर जन जागरूकता अभियान चलाए।
6. शराबबंदी
नीतीश कुमार के एक प्रमुख फैसले में राज्य में शराबबंदी शामिल है। 2016 में उन्होंने बिहार में शराब पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया। इस कदम का उद्देश्य राज्य में महिलाओं के जीवन की गुणवत्ता में सुधार और घरेलू हिंसा को कम करना था। हालांकि, इस फैसले की आलोचना भी हुई, लेकिन महिलाओं के बीच यह निर्णय बेहद लोकप्रिय हुआ।
7. सामाजिक न्याय और समावेशी विकास
नीतीश कुमार ने समाज के वंचित वर्गों के कल्याण के लिए कई योजनाएं लागू कीं। उन्होंने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्गों के लिए छात्रवृत्ति योजनाएं और रोजगार कार्यक्रम शुरू किए। उनके शासनकाल में अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए भी विशेष योजनाएं चलाई गईं।
8. आपदा प्रबंधन और पुनर्वास
बिहार अक्सर बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित होता है। मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार ने आपदा प्रबंधन के लिए कई ठोस कदम उठाए। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास के लिए राहत शिविरों और वित्तीय सहायता की व्यवस्था की।
नीतीश कुमार की पहचान
मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार ने बिहार में “सुशासन” और “विकास” का एक नया मॉडल पेश किया। उनकी नीतियों और योजनाओं ने न केवल राज्य को बदलने में मदद की, बल्कि पूरे देश में सुशासन का एक उदाहरण स्थापित किया। उनके नेतृत्व में बिहार ने उन क्षेत्रों में भी प्रगति की, जहां पहले राज्य पिछड़ा हुआ माना जाता था।
वर्तमान स्थिति
नीतीश कुमार वर्तमान में जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नेताओं में से एक हैं और बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने अपने नेतृत्व में बिहार को विकास और सुशासन की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। उनके काम की प्रशंसा सिर्फ बिहार में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में की जाती है। वे भारतीय राजनीति में अपने सादगीपूर्ण जीवन और कर्मठता के लिए जाने जाते हैं।
उनका राजनीतिक सफर यह दर्शाता है कि कड़ी मेहनत, स्पष्ट दृष्टिकोण और लोगों के प्रति सच्ची सेवा भावना किसी भी व्यक्ति को महान बना सकती है। बिहार के विकास और जनसेवा के लिए उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा।